शाहपुरा में जिला बहाली की मांग को लेकर ऐतिहासिक बंद और आक्रोश रैली, 15 दिन में नहीं हुई तो चक्का जाम की धमकी

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शाहपुरा में मंगलवार को जिला बहाली की मांग को लेकर जिला बचाओ संघर्ष समिति के आवाह्न पर संपूर्ण बंद का आयोजन किया गया, जो शाहपुरा के इतिहास में अब तक का सबसे ऐतिहासिक बंद माना गया। इस बंद के दौरान न केवल व्यापारिक प्रतिष्ठान जैसे चाय, पान, अल्पाहार, मेडिकल स्टोर, सब्जी और फल के व्यवसाय बंद रहे, बल्कि संघर्ष समिति की ओर से महलों का चौक में महापड़ाव और सभा का भी आयोजन किया गया। सभा के बाद आक्रोश रैली निकाली गई, जो सदर बाजार और त्रिमुर्ति चोराहा होते हुए उपखंड अधिकारी कार्यालय तक पहुंची, जहां राज्यपाल के नाम पर ज्ञापन देकर शाहपुरा जिला दोबारा से बहाल करने की मांग की गई। समिति ने यह भी घोषणा की कि यदि 15 दिन में उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तो वे नेशनल हाइवे पर पड़ाव डालकर चक्का जाम करेंगे।

 

सर्वेक्षण के अनुसार, शाहपुरा में बंद के दौरान हजारों ग्रामीण तख्तियां लेकर महापड़ाव और आक्रोश रैली में शामिल हुए। संघर्ष समिति ने सरकार को चेतावनी दी कि यह केवल एक प्रदर्शन था, और 15 दिन में मांग पूरी नहीं होने पर उनका विरोध और भी बड़ा होगा। इस प्रदर्शन में कई वक्ताओं ने शाहपुरा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा को जिम्मेदार ठहराया और उनसे संघर्ष समिति के धरना स्थल पर आकर माफी मांगने की मांग की। वक्ताओं ने 28 दिसंबर को जिला समाप्त करने के आदेश का विरोध करते हुए शाहपुरा जिले की बहाली की मांग की। इसके अलावा, विधायक बैरवा के खिलाफ नारेबाजी की गई और उनके पोस्टर और बैनर को फाड़ दिया गया।

 

इसके बाद, आक्रोशित रैली के साथ लोग उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां अभिभाषक संस्था के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया और एसडीओ को राज्यपाल के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में शाहपुरा जिले की बहाली की मांग को प्रमुखता से रखा गया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुर्गालाल राजौरा, संयोजक रामप्रसाद जाट और अन्य प्रमुख नेताओं ने इस प्रदर्शन में भाग लिया और सरकार से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई। समिति ने चेतावनी दी कि 15 दिनों के भीतर उनकी मांग पूरी न होने पर वे नेशनल हाइवे पर महापड़ाव करेंगे।

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