यूनेस्को के सम्मेलन में भारत की ऐतिहासिक सफलता, दुनिया के 31 वेटलैंड सिटी में अब उदयपुर भी शामिल

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यूनेस्को के रामसर सम्मेलन ने पहली बार भारत के दो शहरों, राजस्थान के उदयपुर और मध्य प्रदेश के इंदौर, को वेटलैंड सिटी का दर्जा दिया है। यह मान्यता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इसके साथ ही उदयपुर और इंदौर दुनिया के 31 वेटलैंड सिटी की सूची में शामिल हो गए हैं। इस मान्यता को पाने के बाद, भारत ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है।

 

राजस्थान का उदयपुर, जिसे पहले से “झीलों की नगरी” के नाम से जाना जाता है, अब दुनिया के वेटलैंड सिटी के मान्यता प्राप्त शहरों में शामिल हो गया है। शहर की प्रसिद्ध झीलें, जैसे पिछोला, फतेहसागर, और स्वरूपसागर, इस मान्यता के लिए आधार बनीं। उदयपुर के स्थानीय प्रशासन और समुदाय ने इन झीलों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास किए हैं, जिससे यह मानक पूरे शहर में लागू हो सके।

 

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा करते हुए बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का प्रमाण है, जहां अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास में पारिस्थितिकी संरक्षण को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

वेटलैंड सिटी का दर्जा उन शहरों को दिया जाता है जो अपने जल संसाधनों, झीलों और वेटलैंड्स के संरक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। यह मान्यता शहरी और ग्रामीण विकास के बीच पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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