मौनी अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के उपाय, जानें क्यों है यह दिन खास
ऋषिकेश: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितरों के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और तर्पण करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। माघ माह की अमावस्या का विशेष महत्व है और मौनी अमावस्या इस दिन का और अधिक महत्व बढ़ा देती है। मान्यता है कि इस दिन पितर अपने वंशजों से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं।
अगर आप जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं या पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो मौनी अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं जिनसे पितृ दोष से छुटकारा पाया जा सकता है।
श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है, लेकिन माघ माह की अमावस्या को और भी अधिक शुभ माना जाता है।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह दिन पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सर्वोत्तम माना गया है। ‘मौनी’ का अर्थ होता है मौन रहना, और इस दिन मौन रहकर भगवान का ध्यान करना चाहिए जिससे आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य पवित्र नदियों में स्नान का इस दिन विशेष महत्व बताया गया है।