सिलाई सेंटर की तीन मंजिला इमारत में भीषण आग, 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला

भोपाल के खानूगांव में आग: 3 मंजिला इमारत में मचा हड़कंप
भोपाल के खानूगांव में शनिवार सुबह एक भीषण हादसे में सिलाई सेंटर की तीन मंजिला इमारत में आग लग गई। आग सुबह करीब 8 बजे सिलाई सेंटर से शुरू हुई और पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में 50 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
आग कैसे फैली?
आग सिलाई सेंटर की तीसरी मंजिल पर लगी, जहां सिलाई मशीनें और कपड़ों के गठानें रखी हुई थीं। प्रत्यक्षदर्शी फहीमुद्दीन चौधरी ने बताया कि आग लगने के बाद मजदूरों ने शोर मचाया, जिससे लोगों को घटना का पता चला। सिलाई सेंटर बिल्डिंग के मालिक युनूस कुरैशी ने सेंटर का कमरा किराए पर दिया था।
फायर ब्रिगेड की देरी पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि आग लगने की सूचना नगर निगम के फायर स्टेशन को तुरंत दे दी गई थी। हालांकि, फायर ब्रिगेड के पहुंचने में देरी हुई, जिससे आग तेजी से फैलती चली गई। करीब 30 दमकल गाड़ियां और पानी के टैंकरों की मदद से आग पर 3 घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 11 बजे काबू पाया जा सका।
मांओं ने बच्चों को बचाने की कोशिश
आग लगने के दौरान महिलाएं अपने बच्चों को गोद में लेकर भागीं। वहीं, लोगों ने आनन-फानन में गैस सिलेंडर घरों से बाहर फेंक दिए। इमारत में रह रहे छह से आठ परिवारों और मजदूरों को तेजी से बाहर निकाला गया।
आग की भयावहता
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग की लपटें 10 से 15 फीट ऊंची उठ रही थीं। आग ने इमारत के सभी फ्लैटों को चपेट में ले लिया, जिससे घरेलू सामान पूरी तरह जलकर खाक हो गया। इसके साथ ही सामने स्थित कपड़े के एक अन्य गोदाम में भी आग लग गई।
स्थिति की समीक्षा और सुरक्षा उपायों पर जोर
यह हादसा एक बड़ी चूक की ओर इशारा करता है, जहां फायर ब्रिगेड की देरी से नुकसान बढ़ गया। इस घटना ने आग से सुरक्षा उपायों और फायर ब्रिगेड की तत्परता पर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय प्रशासन को अब अग्नि सुरक्षा मानकों और फायर स्टेशन की कार्यक्षमता को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है।
भोपाल के खानूगांव में आग का यह हादसा एक चेतावनी है कि सार्वजनिक और व्यावसायिक भवनों में अग्नि सुरक्षा मानकों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। समय पर कार्रवाई और उचित सुरक्षा उपायों से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।