Rajasthan: ठंड से लेकर गर्मी तक, मौसम में अचानक बदलाव; विशेषज्ञों ने बताई तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह

इस बार राजस्थान के सर्द मौसम में तापमान के असामान्य बदलाव देखे जा रहे हैं। कभी हाड़ कंपा देने वाली ठंड तो कभी चुभती गर्मी ने लोगों को हैरान कर दिया है। सोमवार को इस सर्दी का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया, जिससे मौसम विज्ञानियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इन बदलावों का मुख्य कारण प्रदेश में लगातार सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ हैं।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान में मौसम का मिजाज बदल रहा है। जब ये विक्षोभ प्रदेश में प्रवेश करते हैं, तो तापमान बढ़ता है और ठंड का एहसास कम होता है। वहीं, इनके गुजरने के बाद उत्तरी हवाओं का प्रभाव बढ़ता है, जिससे तापमान में तेज गिरावट आती है। बुधवार से एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिसके बाद ठंड फिर से बढ़ सकती है। इसके साथ ही अगले दो-तीन दिनों में राजस्थान के आठ जिलों में बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है।
मौसम में इस तेजी से हो रहे बदलाव का स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व प्रचार्य डॉ. रमन शर्मा के मुताबिक, तापमान में उतार-चढ़ाव से लोगों में वायरल संक्रमण और निमोनिया जैसी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अलावा हाईपोथर्मिया के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। बदलते मौसम का सबसे ज्यादा प्रभाव नवजात शिशुओं और कुपोषित बच्चों पर देखने को मिल रहा है। पेडियाट्रिक अस्पताल के एचओडी अशोक गुप्ता का कहना है कि तापमान में बदलाव के कारण खांसी-जुकाम और वायरल डायरिया के मामले भी बढ़ रहे हैं।
आने वाले दिनों में मौसम में और बदलाव की संभावना है। बारिश के बाद उत्तरी हवाओं के प्रभाव से तापमान में गिरावट होगी। ऐसे में लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा। गर्म कपड़े पहनने और ठंडी हवाओं से बचने की सलाह दी जा रही है। नवजात शिशुओं को गर्म माहौल में रखने और शरीर को हाइड्रेटेड रखने जैसे उपायों से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है।
राजस्थान का यह सर्द मौसम न केवल असामान्य है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियां भी लेकर आया है। लोगों को सतर्क रहकर मौसम के इस बदलाव से बचने के उपाय अपनाने की जरूरत है।