हिमाचल के सिरमौर जिले के शिलाई में स्थापित होगी पहली ऑटोमेटेड पेयजल योजना

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नाहन में जल शक्ति विभाग सिरमौर के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार महाजन ने एक पत्रकार वार्ता में जिले में पांच योजनाओं को ऑटोमाइज करने की जानकारी दी। इन योजनाओं में पानी लिफ्टिंग और वितरण के कार्यों को ऑटोमेट किया जा रहा है। शिलाई क्षेत्र को इस प्रक्रिया के लिए चुना गया है, जहां प्रदेश की पहली मानव रहित पेयजल योजना तैयार की जा रही है। इस योजना के तहत पानी के भंडारण और वितरण कार्य बिना कर्मचारियों के किए जाएंगे।

 

महाजन ने बताया कि इस ऑटोमाइजेशन परियोजना का उद्देश्य जल आपूर्ति को अधिक प्रभावी और लागत-कुशल बनाना है। शिलाई क्षेत्र में शुरू की जाने वाली यह योजना प्रदेश की पहली मानव रहित पेयजल योजना होगी, जिसमें पानी के वितरण को पूरी तरह से ऑटोमेट किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना का संचालन नाहन और शिमला स्थित कार्यालयों से किया जा सकेगा। इसके बाद, जो पैसे बचेंगे, उन्हें जिले के अन्य दुर्गम क्षेत्रों जैसे नौहराधार और राजगढ़ में ऑटोमाइजेशन की दिशा में काम में लाया जाएगा।

 

एक और महत्वपूर्ण पहलू इस योजना का यह है कि इसे लागू करने से बिजली की खपत में भी महत्वपूर्ण कमी आएगी। महाजन ने कहा कि ऑटोमाइजेशन से बिजली के खर्चों में 25 प्रतिशत तक कटौती हो सकती है। इसके अलावा, खराब वोल्टेज, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और आसमानी बिजली के कारण जो मोटरें जल जाती थीं और जिनकी मरम्मत के लिए खर्च आता था, उसमें भी कमी आएगी। इस प्रकार, योजना से न केवल बिजली की खपत में कमी आएगी, बल्कि मरम्मत के खर्चों में भी बचत होगी। जो पैसे बचेंगे, उनका उपयोग अन्य योजनाओं को ऑटोमाइज करने के लिए किया जाएगा।

 

इस कदम से जल आपूर्ति की प्रक्रिया को अधिक कुशल और आर्थिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है, जो न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी फायदेमंद होगा।

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