HPU Shimla: बीएड प्रशिक्षुओं को बड़ी राहत, अब अपने संस्थान में ही दे सकेंगे परीक्षा

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों के प्रशिक्षुओं को बड़ी राहत प्रदान की है। अब निजी और सरकारी बीएड कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु अपनी परीक्षाएं अपने ही कॉलेज परिसर में दे सकेंगे। यह नई व्यवस्था फरवरी से शुरू होने वाली बीएड परीक्षाओं में लागू की जाएगी, जिससे प्रदेशभर के 57 बीएड कॉलेजों के लगभग 16,000 प्रशिक्षुओं को फायदा होगा।

 

इस पहल का उद्देश्य प्रशिक्षुओं को परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाने की समस्या से निजात दिलाना है। लंबे समय से निजी कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षुओं की यह मांग रही थी कि परीक्षा केंद्र उनके कॉलेज परिसर में ही बनाया जाए। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद इसके उन्हें परीक्षा के लिए अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन की बर्बादी होती थी।

 

अब निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए 50,000 रुपये की शुल्क के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्र स्थापित करने की फीस को दोगुना कर दिया है, जो पहले 25,000 रुपये थी। हालांकि, इस फैसले का खर्च प्रशिक्षुओं पर नहीं डाला जाएगा, बल्कि कॉलेजों को ही इसे वहन करना होगा।

 

यह व्यवस्था न केवल प्रशिक्षुओं और कॉलेजों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि विश्वविद्यालय के लिए भी परीक्षा केंद्र स्थापित करने की समस्या का समाधान करेगी। शिमला, कांगड़ा और अन्य जिलों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में विश्वविद्यालय को कठिनाई होती थी, क्योंकि डिग्री कॉलेज अक्सर अनुमति नहीं देते थे।

 

परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय विशेष मॉनिटरिंग स्टाफ तैनात करेगा। परीक्षा केंद्रों की निगरानी विवि की सीधी देखरेख में होगी, और हर केंद्र पर उड़नदस्ते भी तैनात किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने बताया कि 50% से अधिक कॉलेजों ने अब तक परीक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान कर दिया है, और शेष कॉलेजों को 27 जनवरी तक का समय दिया गया है।

 

इस कदम से न केवल प्रशिक्षुओं की परेशानी कम होगी, बल्कि विश्वविद्यालय की प्रशासनिक प्रक्रिया भी सुगम होगी।

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