लालू यादव ने पार्टी में पद और कद को लेकर लिया बड़ा निर्णय, संविधान में किए बदलाव

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The Union Minister for Railways Shri Lalu Prasad addressing the Economic Editors’ Conference - 2006, organised by the Press Information Bureau, in New Delhi on November 08, 2006.. .The Director General (M & C), PIB, Smt Deepak Sandhu is also seen..

देश के पूर्व रेल मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी और परिवार का वसीयतनामा लिख दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी राजद के संविधान में बदलाव के साथ परिवार के तमाम लोगों के पद और कद तय कर दिए।

कहा जा रहा है कि दूसरे दलों में टूट का बारंबार दावा करने वाली पार्टी- राजद को अपना किला बचाने के लिए संविधान में बदलाव करना पड़ा। लेकिन, बात इतनी ही नहीं है। लालू यादव ने पार्टी के अंदर परिवार से उत्तराधिकारी को लेकर सभी संशयों को दूर करने के लिए यह फैसला लिया। बड़ी बेटी या बेटे को पद दिया, लेकिन कद सभी में छोटे, बेटे तेजस्वी यादव को दिया।

शनिवार को राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बहुत लंबे समय तक नहीं चली। कार्यकारिणी बैठक में दो फैसले लेकर इसे यथाशीघ्र खत्म भी किया जाना था ताकि बहुबात न हो।  जल्दी-जल्दी में वह दोनों फैसले भी हो गए- 1. राष्ट्रीय अध्यक्ष की निर्वाचन प्रक्रिया अक्तूबर में बिहार विधानसभा चुनाव आने से पहले कर लिया जाए। और, 2. परिवार से पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया जाए। पहला फैसला कागज पर प्रस्ताव के रूप में आया और दूसरा मौखिक रूप से (बाद में लिखित आने की जानकारी के साथ)। राजद के सांगठनिक चुनाव को अप्रैल से जून के बीच में पूरा किया जाना है,
लेकिन इसके साथ-साथ संविधान में संशोधन के जरिए यह तय कर दिया गया कि अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आगे बागडोर नहीं संभाल पाते हैं तो विरासत के उत्तराधिकारी तेजस्वी प्रसाद यादव होंगे, न कि बड़े बेटे तेज प्रताप यादव या दूसरे घर जा चुकीं बड़ी बेटियां मीसा भारती या रोहिणी आचार्य।

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