आईआईटी मंडी के शोधकर्ता ने 5जी नेटवर्क के लिए कम ऊर्जा वाली चिप विकसित की

IIT Mandi researcher created 5G chip, energy consumption will be reduced

 

देश में 5जी नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है, शहरों से लेकर गांवों तक इसकी मांग बढ़ती जा रही है। हर मोबाइल सेवा प्रदाता इस दिशा में काम कर रहा है। इस बीच, हिमाचल प्रदेश के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ता डॉ. अनुज वर्मा ने कम ऊर्जा के साथ स्पष्ट बातचीत करने के लिए 5जी के लिए एक हार्डवेयर (चिप) विकसित किया है। इस चिप को सफलतापूर्वक टेस्ट कर लिया गया है, जो 5जी नेटवर्क के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है।

 

डॉ. अनुज वर्मा ने ‘एफिशिएंट वीएलएसआई-आर्किटेक्चर्स एंड एएसआईसी-फेब्रिकेशन ऑफ चैनल डिकोडर फॉर कंटेम्परेरी वायरलेस कम्युनिकेशन सिस्टम’ विषय पर अपना शोध पूरा किया है। यह शोध 5जी न्यू रेडियो मानक के तहत आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचार करते हुए व्यावहारिक अनुप्रयोग प्रस्तुत करता है। यह शोध अगली पीढ़ी की वायरलेस संचार प्रणालियों के लिए ऊर्जा-कुशल और पुन: कॉन्फ़िगर करने योग्य आर्किटेक्चर को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

 

डॉ. अनुज वर्मा, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर के रहने वाले हैं, ने बताया कि इस शोध और हार्डवेयर को विकसित करने में उन्हें आईआईटी मंडी में छह साल का समय लगा। उनका प्रारंभ से ही ध्यान 5जी वायरलेस और हार्डवेयर के निर्माण पर रहा। उनके थीसिस में पांच विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन शामिल हैं, जो एलडीपीसी और पोलर कोडर के तहत पुन: कॉन्फ़िगर हो सकते हैं, जोकि 5जी मानक में मुख्य भूमिका निभाते हैं। उनके शोध को कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जा चुका है। डॉ. अनुज वर्मा ने कहा कि वह इस पुरस्कार को अपने पर्यवेक्षक डॉ. राहुल श्रेष्ठ को समर्पित करना चाहते हैं, जिनके मार्गदर्शन और सलाह ने उनकी शोध यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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