गणतंत्र दिवस: उपराष्ट्रपति भवन में पार्क होंगी गाड़ियां, महापुरुषों पर बनी फिल्में रोकेंगी भीड़; जाम से मिलेगी राहत

महापुरुषों पर बनी फिल्में गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के समय फ्लैग शो के बाद भीड़ (समारोह में आने वाले लोग) को एक साथ निकलने से रोकेंगी, ताकि न तो ट्रैफिक जाम हो और न ही पैदल आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी हो।
इसके साथ ही गणतंत्र दिवस समरोह में आने वाले वीआईपी लोगों की कारें इस बार उपराष्ट्रपति भवन में पार्क की जाएंगी। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के लिए चार नई पार्किंग मिली हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गणतंत्र दिवस समारोह का फ्लैग शो के बाद समापन हो जाता है। जैसे ही फ्लैग शो खत्म होता है सभी लोग यानी सार्वजनिक परिवहन से समारोह में शामिल होने के लिए आने वाले लोग या फिर निजी वाहनों से आने वाले लोग एक साथ समारोह स्थल से बाहर निकलते हैं।
ऐसे में सभी मार्गों पर जाम लग जाता है। ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की सलाह पर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय से महापुरुषों पर बनी फिल्में समापन के बाद पैदल जाने वाले लोगों को दिखाएगा।
समारोह समापन के बाद सार्वजनिक वाहनों से गणतंत्र दिवस में आने वाले लोगों को समारोह स्थल पर कुछ देर रोकने के लिए फिल्में दिखाई जाएंगी, ताकि वाहन से आने वाले लोग निकल जाए और पैदल आने वाले लोग रुके रहें। इससे समारोह समाप्त होने के बाद जाम नहीं लगेगा। बताया जा रहा है कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल आदि पर बनी फिल्में दिखाई जाएंगी।
दिल्ली ट्रैफिक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में आने वाले वीआईपी लोगों की कारें राष्ट्रपति भवन में पार्क की जाएंगी। उपराष्ट्रपति भवन में 500 से ज्यादा कारें पार्क हो सकती हैं। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस को केरल के राजा का भवन यानी ट्रावन कोर, भारती विधा भवन और लेडी इरविन स्कूल में भी गणतंत्र दिवस में शामिल होने वाले वीआईपी या फिर स्टीकर लगी कारें पार्क की जाएंगी।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के नई दिल्ली रेंज के पुलिस उपायुक्त ढाल सिंह ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस को कुछ पार्किंग स्थल मिल गए हैं। अभी कुछ और पार्किंग स्थलों की तलाश की जा रही है।
मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस सूत्रों के अनुसार समारोह में शामिल होने के लिए कुल 77000 हजार लोगों के आने की संभावना है। हालांकि इनमें से 10 से 15 हजार लोग ही अपने वाहनों से आते हैं। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मंत्रालय की ओर से पांच गुना ज्यादा पास व टिकट जारी कर दिए जाते हैं।