Prashant Kishor: वैनिटी वैन में फंसे, सरकार ने गलतियों की सूची जारी की.

Bihar News: पटना जिला प्रशासन ने प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन से जुड़ी 11 गलतियों की सूची जारी की है। इस सूची में वैन के पंजीकरण, इसके इस्तेमाल, और अन्य तकनीकी मुद्दों पर सवाल उठाए गए हैं। इसके अलावा, प्रशासन ने यह भी बताया है कि वैन के चेसिस और इंजन नंबर की जांच FSL (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) से की जाएगी, और उसके बाद विस्तृत रिपोर्ट दी जाएगी।प्रशांत किशोर, जो बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में 2 जनवरी से अनशन पर थे, अब अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी अनशन की स्थिति ने राज्य सरकार का ध्यान खींचा, और अब सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी हुई है। पटना जिला प्रशासन ने उनकी वैनिटी वैन (PB13AY9000) की जांच की और पाया कि वैन का पंजीकरण वाहन खरीदने के छह साल बाद हुआ। प्रशासन ने इसके बारे में 11 गलतियों की सूची जारी की है।
पहली गलती यह है कि वैन का क्रय 6 जून 2011 को हुआ था, लेकिन इसका पंजीकरण 28 नवंबर 2017 को हुआ, जो एक बड़ी देरी है। दूसरी गलती यह है कि वाहन का मेकर SML ISUZU LTD है, लेकिन वैन पर डीसी कंपनी का लोगो लगा हुआ है। वाहन का पंजीकरण फूल्ली बिल्ड कैटेगरी में हुआ है, जबकि इसे डीलक्स श्रेणी में पंजीकृत होना चाहिए था। इसके अलावा, वैन का व्हील बेस 4500 मिमी है, जिससे यह साबित होता है कि इसे डीलक्स श्रेणी में होना चाहिए था, लेकिन इसे केवल एक सीट वाली LMV कार के रूप में पंजीकृत किया गया।
इसके अलावा, वैन का पथकर और मूल्य ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, जो पथकर की गणना के लिए जरूरी हैं। वैन के डाइमेंशन भी ऑनलाइन नहीं दिखाए गए हैं। वाहन का पंजीकरण पंजाब में हुआ है, लेकिन मोटर वाहन अधिनियम के तहत, वाहन मालिक को 30 दिनों के अंदर स्थानीय RTO को पते की जानकारी देनी होती है, जो यहां नहीं की गई। वैन की चेसिस संख्या में भी समस्या है, और इसकी जांच की आवश्यकता है।इसके अलावा, वैन का पंजीकरण निजी कार के रूप में हुआ है, जबकि इसका व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल हो रहा था, जिसके लिए कोई अनुमति पत्र नहीं है।
वैन में कई मॉडिफिकेशंस किए गए हैं, जैसे एयर कंडीशनर, सोफा, बेड, और बाथरूम, लेकिन इनकी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं है। इसके अलावा, चालक द्वारा चालक अनुज्ञप्ति प्रस्तुत नहीं की गई है और वैन का नंबर प्लेट HSRP (High Security Registration Plate) नहीं है।इन 11 मुद्दों के बाद अब प्रशासन क्या कदम उठाता है, यह देखना होगा।