एग्जाम सेंटर के नाम पर फर्जीवाड़ा: एजेंसियों की धड़ल्ले से चल रही ‘चीटिंग वाला रैकेट

As malpractice in exams go high tech - EDITORIAL - EDITORIAL | Kerala  Kaumudi Online

 

एक समय था जब अभ्यर्थी को एग्जाम में प्रश्नपत्र दिए जाते थे और उन्हें सॉल्व करना होता था. इसके बाद ओएमआर शीट्स का जमाना आया. अब तो तकनीक इतनी तरक्की कर चुकी है कि कई प्रतियोगी परीक्षाएं अब कंप्यूटर के माध्यम से ली जाने लगी हैं. ऐसा एग्जाम में चीटिंग ना हो पाए, इसके कारण किया गया. लेकिन अब इन परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की ऐसी खबर सामने आई है, जिसने इनपर सवाल खड़े कर दिए हैं.

जयपुर में कई कंप्यूटर सेंटर्स के मालिक इन परीक्षाओं को आयोजित करवाने वाले एजेंसीज के साथ गठजोड़ कर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. इसके लिए कंप्यूटर सेंटर के मालिक इन एजेंसियों को अच्छा-खासा पैसा देते हैं. बदले में इन सेंटर्स को परीक्षा के लिए चुना जाता है. इसके बाद इन सेंटर्स वाले स्टूडेंट्स से परीक्षा पास करवाने के बदले अच्छा-खासा पैसा वसूलते हैं.

होती है मोटी कमाई
ख़ुफ़िया सोर्सेज की माने तो कई स्कूल अपने कंप्यूटर लैब्स को प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर्स को दे देते हैं. ये कॉन्ट्रैक्टर्स इन्हें सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बतौर सेंटर की तरह इस्तेमाल करते हैं. इसमें कई सरकारी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. बदले में इन सेंटर्स को टेस्ट कंडक्ट करने के बदले 22 हजार दिए जाते हैं. लेकिन इससे अधिक कमाई तो ये सेंटर्स विद्यार्थियों को चीटिंग करवाकर कमा लेती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *