ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स के लिए अजमेर पहुंचे पाकिस्तानी जायरीन
Khuja Moinuddin Hasan Chishti: हजारों जायरीन ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स में अजमेर पहुंच रहे हैं। आज कुल की पूजा की जाएगी। पाकिस्तान से 89 यात्रियों का जत्था भी मंगलवार तड़के 3 बजे अजमेर पहुंचा। रेलवे स्टेशन पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पाकिस्तानी दूतावास के दो अधिकारी भी जत्थे में शामिल थे।
पाकिस्तान से अजमेर के जायरीन रेलवे स्टेशन पर वे बहुत खुश दिखे। रेलवे स्टेशन पर भारी पुलिस बल के बीच मीडिया से बातचीत करते हुए जायरीनों ने कहा कि वे अजमेर आए हैं और पूरी दुनिया की शांति की दुआ करेंगे।
जायरीनों ने भी कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध हैं। हम सभी इसके बेहतर होने की कामना करेंगे। इसके अलावा, भारत और पाकिस्तान में शांति कायम करने के लिए ख्वाजा के दर पर चादर चढ़ाएंगे।
जायरीन काफी खुश दिखाई पड़े और कहा कि हम बहुत खुशकिस्मत हैं कि हमें ख्वाजा के दर पर आने का अवसर मिला। अजमेर में पुलिस और प्रशासन की कड़ी सुरक्षा देखकर जायरीन काफी खुश दिखे। उनका कहना था कि अजमेर बहुत सुंदर है और उसके लोग बहुत नेक हैं। उनका कहना था कि हमें यहां तक पहुंचने में कोई मुसीबत नहीं आई है.
सेंट्रल गर्ल्स स्कूल (अजमेर) भेजा गया. सभी को रेलवे स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा के बीच रिसीव किया गया। इनके ठहरने की व्यवस्था यहीं की गई है। Central Girls School के प्रवेश द्वार पर सीआईडी जोन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। स्कूल की छत और प्रवेश द्वार पर हथियारबंद सुरक्षाकर्मी खड़े हैं। दो डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर (DFMD) लगे हैं। कैंप से बाहर निकलने वाले प्रत्येक पाकिस्तानी जायरीन का एक ऑनलाइन रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
200 से अधिक सैनिकों की उपस्थिति में एसपी वंदिता राणा ने बताया कि पाक जायरीन की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध किए गए हैं। Central Girls School से दरगाह जाने के रास्ते में भी कड़े सुरक्षा इंतजाम हैं। इसके लिए दो सौ से अधिक पुलिस अधिकारी और सैनिक लगाए गए हैं।
आंकड़ा 100 के भीतर सिमटा: पाकिस्तानी जायरीन ने ख्वाजा साहब के उर्स में भाग लिया था। सूत्रों के अनुसार, अटारी बॉर्डर से भारत में 89 पाक जायरीन आए। सोमवार सुबह उन्हें सुरक्षाकर्मी अटारी से दिल्ली लेकर पहुंचे। दिल्ली से शाम 7 बजे ट्रेन से अजमेर चली, जहां वह तड़के तीन बजे पहुंची।