महाकुंभ: 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से होगा द्वादश ज्योतिर्लिंग का शृंगार

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प्रयागराज के मेला क्षेत्र में बजरंगदास मार्ग पर मौनी बाबा का विशाल शिविर बन रहा है, जिसमें विशेष धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। इस शिविर में 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूलों से द्वादश ज्योतिर्लिंग का भव्य शृंगार किया जाएगा। इसके साथ ही 108 हवन कुंडों में 125 करोड़ आहुति और 11 करोड़ वैदिक मंत्रों का जाप होगा, जिससे संगम नगरी की ध्वनि गूंज उठेगी। बाल ब्रह्मचारी स्वामी अभय चैतन्य फलाहारी उर्फ मौनी बाबा ने बताया कि वह महाकुंभ को एक भव्य धार्मिक आयोजन बनाने के लिए 10,000 गांवों की यात्रा करके यहां पहुंचे हैं। उनका एक मुख्य उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का है, और इस संकल्प के तहत शिविर में विशेष यज्ञ की भी योजना बनाई गई है।

यह शिविर न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि इसकी भव्यता भी लोगों को आकर्षित कर रही है। शिविर में बनी त्रिशूलों की दीवारें और रुद्राक्ष की मालाएं विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इस दौरान, रास्ते से गुजरने वाले लोग इन आकर्षक सजावटों को देख कर सेल्फी लेने में व्यस्त हो जाते हैं।सुरक्षा की दृष्टि से भी महाकुंभ के आयोजन के दौरान कड़े इंतजाम किए गए हैं। आतंकवादी पुन्नू की गीदड़ भभकी के बाद, प्रयागराज जंक्शन पर पहली बार कोरस कमांडो तैनात किए गए हैं। आरपीएफ के महानिरीक्षक अमिय नंदन सिन्हा ने जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि स्टेशन के सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बल तैनात किए जाएं। इस दौरान, 1100 आरपीएफ कर्मियों की टीम को जंक्शन पर तैनात किया गया है।

महाकुंभ 2025 के आधिकारिक एक्स अकाउंट को अचानक सस्पेंड कर दिया गया, जिसके कारण सभी अपडेट गायब हो गए। हालांकि, इसके हैक होने की चर्चा भी उठी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।महाकुंभ के दौरान धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर भी शोध किया जाएगा। संगम जल, मौसम और आयोजन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन किया जाएगा। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र से निकलने वाले कचरे और सीवेज के निस्तारण की व्यवस्था का भी विश्लेषण होगा, ताकि इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। इस शोध में बंगलूरू विश्वविद्यालय भी भाग ले रहा है, और मेला प्रशासन के साथ मिलकर पर्यावरण विज्ञान विभाग ने इस पर एक समझौता किया है।

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