डूंगरपुर में जनजाति के 21 हजार कॉलेज विद्यार्थियों को पिछले दो साल से छात्रवृत्ति का इंतजार – ST SCHOLARSHIP IN DUNGARPUR
पिछले दो साल से, अनुसूचित जनजाति के 21 हजार विद्यार्थियों ने जिले में छात्रवृत्ति की प्रतीक्षा की है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इसे संभालता है, लेकिन पिछले दो वर्षों से सरकार ने इसके लिए बजट नहीं दिया। ये बजट लगभग 27 करोड़ रुपये का है। यहाँ, विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने से परेशान कॉलेज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक अशोक शर्मा ने कहा कि एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए दो साल से 30 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति बकाया है। इसमें से सरकार ने हाल ही में 3 करोड़ 33 लाख की राशि दी थी, लेकिन 21 हजार एसटी वर्ग के कॉलेज विद्यार्थियों की 27 करोड़.
ये बताया गया कारण है: शर्मा ने कहा कि बजट की कमी सबसे बड़ा कारण है कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति नहीं मिलती है। उनका कहना था कि एसटी श्रेणी की छात्रवृत्ति के लिए कोई बजट केंद्र से नहीं आया है। उनका कहना था कि हर विद्यार्थी का बिल बनाकर भेजा गया है। विद्यार्थी छात्रवृत्ति नहीं पाते हैं: कॉलेज के विद्यार्थियों ने बताया कि इस क्षेत्र में बच्चों की आर्थिक स्थिति कमजोर है क्योंकि यह एक जनजाति क्षेत्र है। वे अपनी पढ़ाई के लिए इस छात्रवृत्ति पर निर्भर हैं, लेकिन इन कॉलेजों को छात्रवृत्ति का समय पर भुगतान नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है। उनका कहना था कि छात्रवृत्ति को लेकर वे कई बार स्कूल व समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है।
केवल भरोसेमंद: छात्र नेता तुषार ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जल्द ही बकाया छात्रवृत्ति का भुगतान करने का दावा करेगा, लेकिन पिछले दो साल से केवल अधिकारी विद्यार्थियों को आश्वासन दे रहे हैं।