मुरादाबाद: गौरीशंकर मंदिर पर प्रशासन की सक्रियता, अधिकारियों ने किया निरीक्षण

झब्बू का नाला क्षेत्र में स्थित गौरीशंकर मंदिर को खोलने की तैयारी तेज हो गई है। गुरुवार रात एसपी सिटी कुमार रणविजय ने मंदिर का निरीक्षण किया, जबकि शुक्रवार सुबह एसडीएम सदर राम मोहन मीना ने मंदिर का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी मोहिनी किन्नर के पास है, जो इसे साफ-सुथरा रखती हैं।
इस मंदिर को लेकर शिकायतकर्ता सेवा राम ने आरोप लगाया कि उनके परदादा भीमसेन और दादा गंगा सरन मंदिर की देखरेख करते थे। 1980 के दंगों के दौरान उनके दादा की हत्या के बाद परिवार ने मझोला क्षेत्र में शरण ली। प्रशासन अब मंदिर को खोलने के लिए तैयार है और इसे लेकर किसी भी विवाद से इनकार किया गया है।
इसके अलावा, रतनपुर कलां गांव में स्थित प्राचीन जैन मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग जोर पकड़ रही है। टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन ने सरकार और जिला प्रशासन से इस मंदिर को अपनी देखरेख में लेने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि इस स्थान का उपयोग औषधालय, पुस्तकालय, या अन्य जन उपयोगी कार्यों के लिए किया जा सकता है।
जैन समाज ने मंदिर के पुनरुद्धार में सहयोग देने और लिखित सहमति पत्र देने की पेशकश की है। यह भी बताया गया कि मंदिर की मूल प्रतिमाएं 1985 में मझोला मुरादाबाद और हल्द्वानी के जैन मंदिरों में भेज दी गई थीं। रतनपुर कलां निवासी प्रमोद सिंह और प्रदीप जैन का कहना है कि यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है और इसकी भव्यता को बनाए रखना आवश्यक है।
इन दोनों मंदिरों को लेकर प्रशासन की सक्रियता और स्थानीय समुदाय की मांगें धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं।