Delhi Polls: मटिया महल सीट पर शोएब इकबाल का छह बार कब्जा, BJP और कांग्रेस रही खाली हाथ; इस बार किसकी जीत?

मटिया महल विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक परिदृश्य बाकी क्षेत्रों से बिल्कुल अलग है, क्योंकि यहां न तो कांग्रेस और न ही भाजपा का दबदबा कायम हो सका। सात विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र से शोएब इकबाल का वर्चस्व रहा।उन्होंने छह बार अलग-अलग दलों के टिकट पर जीत दर्ज की। दिलचस्प बात यह है कि जब उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा, तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2015 में आप के उम्मीदवार आसीम अहमद खान ने शोएब को हराकर यह सीट अपने नाम की। इस बार शोएब ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, लेकिन आप ने उनके परिवार पर भरोसा जताते हुए बेटे आले मोहम्मद इकबाल को टिकट दिया है। वहीं, आसीम को कांग्रेस ने मटिया महल से टिकट दिया है। भाजपा ने अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन पिछले प्रदर्शन को देखते हुए वह इस बार जीत की कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।मटिया महल की सामाजिक संरचना इसे राजनीतिक रूप से अनूठा बनाती है। यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है, लेकिन हिंदुओं की भी अच्छी खासी उपस्थिति है। क्षेत्र के मतदाता अक्सर व्यक्तिगत छवि और स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं, जो यहां चुनाव परिणामों को काफी हद तक प्रभावित करता है। आगामी चुनाव में आप, कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे को कड़ी चुनौती देंगी। शोएब की गैरमौजूदगी में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र के मतदाता किसे समर्थन देते हैं।