उत्तराखंड निकाय चुनाव: नेता का आपराधिक रिकॉर्ड होगा सार्वजनिक

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निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनावों में प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने का फैसला लिया है। अब, जैसे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों को अपने आपराधिक इतिहास का ब्योरा देना होता है, वैसे ही नगर निकाय चुनावों में भी प्रत्याशियों को अपनी आपराधिक जानकारी शपथ पत्र में देने का निर्देश दिया गया है। इसमें उन्हें यह बताना होगा कि उनके खिलाफ किस थाने में और किन धाराओं में मामले दर्ज हैं।यह जानकारी जिलाधिकारी के पास पहुंचेगी, और वे इसे अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेंगे। साथ ही, यह सूचना अखबारों में भी दी जाएगी, ताकि मतदाता आसानी से अपने प्रत्याशी का आपराधिक रिकॉर्ड देख सकें। इस पहल से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने और मतदाताओं को सही जानकारी देने का उद्देश्य है, ताकि वे सूचित फैसले ले सकें।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि यह कदम मुख्य रूप से निकाय चुनावों में आपराधिक प्रवृत्तियों को कम करने और चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने के लिए उठाया गया है। इसके माध्यम से चुनावों में शामिल होने वाले उम्मीदवारों पर दबाव बनेगा कि वे अपना आपराधिक इतिहास सार्वजनिक करें, और मतदाताओं को सही जानकारी मिल सके।यह पहल पहली बार की जा रही है, और इसका उद्देश्य है कि लोग अपने उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, और मतदाता अपने चुनावी फैसले और जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।

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