हिमाचल: सीएम सुक्खू का ऐलान- भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश, खैर छोड़ पेड़ कटाई पर पाबंदी

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक एक्ट लाने पर विचार कर रही है और इस पर कानूनी राय ली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस शिकायतें मिलीं, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में हर सरकार के साथ भ्रष्टाचार जुड़ा होता है, फिर चाहे वह किसी भी पार्टी की हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की संपत्ति को लुटने नहीं दिया जाएगा और जहां भी भ्रष्टाचार के आरोप होंगे, वहां जांच और कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सरकार जंगलों में पेड़ काटने पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रही है, हालांकि खैर के पेड़ों के कटान पर अलग से विचार किया जाएगा। सरकार नदी-नालों के चैनलाइजेशन वाले क्षेत्रों में खनन पर भी नीति लाने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन निगम की घाटे में चल रही इकाइयों के बारे में कहा कि इस मुद्दे को कैबिनेट में लाकर समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राज्य की पर्यटन नीति को और अधिक ओपन करेगी ताकि पर्यटक यहां आकर काम कर सकें। सुक्खू ने भाजपा सरकार के समय हुए घोटालों को लेकर कहा कि उनकी सरकार धीरे-धीरे उन घोटालों की परतें खोलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब नीति, नीयत और दिल साफ होते हैं, तब ही राज्य की सेवा की जा सकती है। साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार में किसी मंत्री या विधायक पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 30 जून 2024 तक राज्य के 13,142 कार्यालय, जो निजी भवनों में किराए पर चल रहे थे, सरकारी भवनों में शिफ्ट कर दिए जाएंगे। अब तक 151 कार्यालय शिफ्ट हो चुके हैं, जिससे सरकार को ₹1,31,39,453 की बचत हुई है।सुक्खू ने भाजपा विधायक त्रिलोक जंबाल के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान की दो किस्तों का भुगतान किया है, जिसके लिए ₹824 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में 284 अफसरों ने विभिन्न कार्यक्रमों के तहत विदेश यात्रा की।मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राज्य को केंद्र सरकार से इस साल ₹8,623 करोड़ की सहायता प्राप्त हुई है, जबकि पिछले साल यह राशि ₹14,943 करोड़ थी।