हिमाचल: मेडिकल डिवाइस पार्क का क्षेत्र घटा, अब केवल 25 फीसदी हिस्से में होंगे उद्योग

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नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण का कार्य अच्छी गति से चल रहा है। पहले यह परियोजना राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से बनाई जानी थी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा 30 करोड़ रुपये वापस करने के बाद, राज्य सरकार ने पूरी तरह से इसे वित्तीय रूप से अपने स्तर पर संभालने का निर्णय लिया है। यह पार्क 1,623 एकड़ जमीन पर बन रहा है और इसका कुल खर्च 349 करोड़ रुपये अनुमानित है। अब तक 134 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जिसमें से 107 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने दिए हैं।अब तक की प्रगति में जमीन समतल कर दी गई है, और अब भवन और सड़क निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। दो बड़ी प्रयोगशाला भवनों का निर्माण हो रहा है, और 4,000 वर्ग मीटर में दो वेयरहाउस बनाए जा रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक का आकार 2,000 वर्ग मीटर होगा। इसके अलावा, 2,250 वर्ग मीटर में फ्लेटिड फैक्टरियां बनेंगी, और एक 16-बेड हॉल भी तैयार किया जा रहा है। पार्क को जोड़ने के लिए 4.5 किलोमीटर लंबी सड़क का पहले चरण का टेंडर हो चुका है और निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

राज्य सरकार ने इस पार्क के लिए 25% जमीन का उपयोग करने का निर्णय लिया है, जबकि शेष 75% जमीन पर ग्रीन उद्योग लगाए जाएंगे। यह योजना न केवल मेडिकल डिवाइस उद्योग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है, बल्कि क्षेत्र में सतत और पर्यावरण-friendly व्यापार वृद्धि को भी प्रोत्साहित करेगी।इस परियोजना को देख रहे अधिशासी अभियंता राजेश मिन्हास ने बताया कि भवन और सड़क निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि बजट के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है।उद्योग विभाग के सदस्य सचिव विनीत कुमार ने बताया कि पार्क के निर्माण को लेकर कोई नई अधिसूचना नहीं आई है, इसलिए उनके पास कोई नई जानकारी नहीं है। यह पार्क नालागढ़ क्षेत्र में आर्थिक लाभ लाने, रोजगार के अवसर पैदा करने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है। यह परियोजना राज्य सरकार की क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे और औद्योगिक क्षमता को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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