जयराम ठाकुर: आईजीएमसी में कैंसर इंजेक्शन की कमी, CM सुक्खू की सिर्फ बयानबाजी

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में कैंसर के मरीजों को आवश्यक दवाइयां नहीं मिल रही हैं, जिससे मरीज बिना इलाज के लौटने को मजबूर हो रहे हैं। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री और हिमाचल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर झूठी बयानबाजी कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह नहीं समझते कि कैंसर जैसे गंभीर रोग का समय पर इलाज कितना जरूरी है।
जयराम ठाकुर ने बताया कि आईजीएमसी जैसे प्रमुख अस्पताल में कैंसर इलाज के लिए जरूरी इम्यूनोथेरपी इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं हैं। मरीजों को बिना इलाज के घर लौटना पड़ रहा है, जबकि मुख्यमंत्री बड़े मंचों से यह दावा करते हैं कि प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी बयानबाजी से कोई लाभ नहीं होने वाला, क्योंकि इलाज के लिए जरूरी दवाइयां, अच्छे डॉक्टर, तकनीशियन और आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करना बंद करें।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हर दिन प्रदेश के अखबारों में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति की खबरें छपती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ओपन हार्ट सर्जरी के लिए भर्ती मरीजों को बेड से लौटाने की घटनाएं हो रही हैं और छोटे-मोटे ऑपरेशन के लिए आए मरीजों को बिना ऑपरेशन के घर भेज दिया जाता है। आईजीएमसी में सामान्य जांच किट और जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध नहीं रहतीं, जिससे लोगों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं या अधूरी दवाइयों से इलाज करवाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति इसलिए है क्योंकि सरकार दवा आपूर्ति करने वाली कंपनियों के पुराने बिलों का भुगतान नहीं कर रही है।
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से कहा कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी अनमोल है, और अगर सरकारी निकम्मेपन के कारण किसी की जान को खतरा हो, तो उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे अपनी बड़ी-बड़ी बातों से बाहर निकलकर वास्तविकता का सामना करें और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं।