बिहार में ई-शिक्षाकोष की एंट्री को लेकर बड़ा कदम: बांका में 18 प्रिंसिपल के वेतन पर विभाग की नजर!

बिहार में ई-शिक्षाकोष की एंट्री को लेकर बड़ा कदम: बांका में 18 प्रिंसिपल के वेतन पर विभाग की नजर!

बांका। ई-शिक्षा कोष अब शिक्षक के साथ बच्चों की निगरानी का अमोघ हथियार साबित होने वाला है। शिक्षकों की इस पर नियमित उपस्थिति बनने लगी है। साथ ही, इसी शैक्षणिक सत्र से सभी बच्चों का डाटा भी ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किया जाना है।

बांका में अधिकांश विद्यालयों ने 90 प्रतिशत बच्चों की एंट्री इस पर कर ली गई है। कई बार चेतावनी के बाद भी कई विद्यालय प्रधान इसमें लापरवाह दिखे। उनके बच्चों की एंट्री का प्रतिशत 60 से नीचे रह गया है। नतीजा, डीईओ कुंदन कुमार ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी है। इन सभी विद्यालय प्रधानों से स्पष्टीकरण पूछते हुए अगले आदेश तक वेतन रोकने का आदेश जारी किया है।

18 प्रधानाध्यापकों के वेतन पर रोक

इस संबंध में डीईओ कुंदन कुमार ने बताया कि एंट्री में लापरवाही पर अभी 18 हाईस्कूल के प्रधानाध्यापकों के वेतन पर रोक लगाया गया है। इसमें अविलंब सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित प्रधानाध्यापक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बार-बार आदेश के बाद भी वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना करना और कार्य में रूची नहीं लेना गंभीर मामला है।

112 प्राइवेट स्कूलों ने भी शुरु नहीं की एंट्री

ई शिक्षा कोष पर बच्चों का सारा डिटेल एंट्री करने में सरकारी स्कूल थोड़े पीछे जरूर हैं। मगर प्राइवेट स्कूलों ने तो आदेश को ठेंगा दिखा रखा है। समग्र शिक्षा में पंजीकृत 219 प्राइवेट स्कूलों में आधे से अधिक यानी 112 स्कूलों ने अभी बच्चे की एंट्री का काम शुरु भी नहीं किया है।

शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा

डीपीओ एसएसए दीपक कुमार ने ऐसे सभी 112 विद्यालय संचालकों को तीन दिनों के अंदर प्रविष्टि शुरु नहीं करने पर एक तरफा कार्रवाई करते हुए स्कूल का यू-डायस कोड रद्द करने की चेतावनी जारी की है। विद्यालय को यू-डायस से मिलने वाली सभी सुविधाएं वापस ले ली जाएगी। ई-शिक्षा कोष पर विभागीय सख्ती से संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

 

 

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