जोधपुर में विकसित होगा नया ईको-सिस्टम, प्रकृति की गोद में पक्षियों के लिए नया ठिकाना

उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में स्थित जोधपुर झाल को अब एक प्रमुख पक्षी विहार के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह वेटलैंड, जो आगरा और मथुरा के बीच स्थित फरह के निकट फैला हुआ है, पिछले कुछ सालों में देशी और विदेशी पक्षियों का आकर्षण बन गया है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने शुक्रवार को यहां के विकास कार्यों का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य इस प्राकृतिक वेटलैंड को पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आवासीय स्थल में बदलना है। इसके लिए, विशेष रूप से प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल हेविटाट (प्राकृतिक आवास) विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, आवासीय पक्षियों के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए घने जंगलों का निर्माण किया जाएगा।
यह पक्षी विहार परियोजना फरवरी 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है, और इसके बाद यहां हरित पट्टी, 7 वाटर बॉडी, 13 आइसलैंड्स और 2200 मीटर लंबी नेचर वॉक बनाई जाएगी। पर्यटकों के लिए भी यहां कई सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जैसे वॉच टावर, जैव विविधता अध्ययन केंद्र, नेचर गाइड प्रशिक्षण, सेमिनार हॉल, पार्किंग, कैंटीन, और टॉयलेट्स। इस पूरे विकास कार्य पर लगभग 8.66 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
जोधपुर झाल में पक्षियों की 184 प्रजातियां पाई गई हैं, जिनमें से 142 प्रजातियां आवासीय हैं और 50 प्रजातियां प्रवासी हैं। यहां प्रमुख रूप से ग्रेटर फ्लेमिंगो, कॉमन पोचार्ड, मल्लार्ड, और सारस क्रेन जैसे पक्षी आते हैं। विशेष रूप से, 15 प्रजातियां आईयूसीएन की रेड डेटा सूची में लुप्तप्राय या संकटग्रस्त हैं। इस क्षेत्र को पक्षी संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।