इंदौर: चर्चित हनीट्रैप मामले के फरियादी हरभजन सिंह का निधन, पूर्व नगर निगम सिटी इंजीनियर थे

IMG_1774

हरभजन सिंह की मौत: चर्चित हनीट्रैप कांड के फरियादी की दुखद समाप्ति

 

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड के फरियादी रहे इंदौर नगर निगम के पूर्व सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह की रीवा में उनके पैतृक निवास पर मौत हो गई। उनका शव उनके कमरे में मिला, और प्रारंभिक जांच के अनुसार, उनकी मौत संभवतः दिल का दौरा पड़ने से हुई। पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।

 

हनीट्रैप कांड का खुलासा और विवाद

 

दो साल पहले, हरभजन सिंह ने इंदौर पुलिस को शिकायत दी थी कि कुछ महिलाएं उन्हें वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से ब्लैकमेल कर रही थीं। उनकी इस शिकायत पर इंदौर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भोपाल और इंदौर से चार महिलाओं को गिरफ्तार किया था। इस मामले ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी थी। हालांकि, बाद में एक आरोपी महिला ने हरभजन सिंह पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद हरभजन पर भी मामला दर्ज किया गया और उन्हें निलंबित कर रीवा स्थानांतरित कर दिया गया।

 

निलंबन के बाद का जीवन

 

निलंबन के बाद, हरभजन कुछ समय तक इंदौर में ग्रेटर कैलाश मार्ग पर रहे, लेकिन बाद में अपने पैतृक निवास रीवा चले गए। उनकी पत्नी और बेटा किसी अन्य शहर में रहते थे। उनके निधन की सूचना परिवार को दे दी गई है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, ताकि मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।

 

प्रभाव और विवादों से घिरी जिंदगी

 

हरभजन सिंह का नाम हनीट्रैप कांड से जुड़ने के बाद विवादों और तनावों से भरा जीवन रहा। उनका निधन एक ऐसी घटना है, जो विवादों और उनके व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन की कठिनाइयों को उजागर करती है। पुलिस की जांच से यह साफ होगा कि उनकी मौत का असली कारण क्या था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *