श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 9 दिसंबर को, CJI ने कहा- कानूनी स्थिति तय होगी

gfhf

मथुरा के शाही ईदगाह परिसर को लेकर चल रहे विवाद से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। यह विवाद कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के बीच स्थित धार्मिक स्थल के स्वामित्व को लेकर है। हिंदू पक्ष द्वारा दायर 18 मामलों की विचारणीयता को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय की गई है। मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ करेगी, जो 9 दिसंबर को दोपहर 2 बजे इस पर विस्तृत सुनवाई करेगी।

मस्जिद समिति ने याचिका दायर की थी कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच विवादित स्थान को लेकर हिंदू पक्ष द्वारा दायर मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 का उल्लंघन करते हैं और इसलिए यह मामले स्वीकार्य नहीं हो सकते। उनका तर्क था कि यह अधिनियम 15 अगस्त 1947 के बाद किसी भी धार्मिक स्थल के धार्मिक चरित्र को बदलने पर रोक लगाता है। इस अधिनियम का उद्देश्य धार्मिक स्थलों के मौजूदा धार्मिक स्वरूप को संरक्षित रखना है, और केवल बाबरी मस्जिद विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।

मस्जिद समिति ने दावा किया कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और मस्जिद के विवाद से संबंधित दावे पूजा स्थल अधिनियम के खिलाफ हैं, क्योंकि मस्जिद का धार्मिक चरित्र पहले से निर्धारित है और इसे बदलने की अनुमति नहीं हो सकती। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद पहले एक मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी, और अब इसे हटाने की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि यह स्थल हिंदू धार्मिक स्थल है, और मस्जिद का निर्माण अनधिकृत तरीके से किया गया था।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में 1 अगस्त को मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि 1991 का अधिनियम धार्मिक स्थल के धार्मिक चरित्र को परिभाषित नहीं करता है। इसके अनुसार, विवादित स्थान का धार्मिक चरित्र 15 अगस्त 1947 को निर्धारित किया जाना चाहिए, और इस जगह का एक ही समय में दोनों धार्मिक पक्षों द्वारा अलग-अलग ढंग से दावा किया जाना संभव नहीं है। इस निर्णय के खिलाफ मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसे 9 दिसंबर को सुना जाएगा।इससे पहले 5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें यह अपील की गई थी कि मामला अदालत में सुनवाई योग्य नहीं है। लेकिन बृहस्पतिवार को इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसलों को चुनौती दी है। अब सुप्रीम कोर्ट की 9 दिसंबर की सुनवाई इस विवाद का अहम मोड़ साबित हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *