Bhavish Aggarwal Net Worth: ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ से भविष अग्रवाल को करोड़ों की कमाई ,एक हफ्ते में इतनी बढ़ी संपत्ति

शेयर बाजार में एंट्री के बाद ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में जोरदार उछाल
Bhavish Aggarwal Net Worth : शेयर मार्केट में एंट्री लेने के बाद से ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में रॉकेट सी तेजी आई है और निवेशकों का पैसा हफ्तभर में डबल हो गया है. इसका असर कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल की नेटवर्थ पर भी दिखा है| इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) के शेयर Stock Market में लिस्ट होने के बाद से ही धमाल मचा रहे हैं| महज 7 कारोबारी दिनों में ही इस स्टॉक में पैसे लगाने वालों की रकम दोगुनी हो गई है| एक ओर जहां शेयर में हर रोज अपर सर्किट लग रहा है, तो वहीं इसका असर कंपनी के CEO भाविश अग्रवाल की नेटवर्थ पर भी पड़ा है| रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी संपत्ति करीब 21,000 करोड़ रुपये हो गई है|
शेयरों की लिस्टिंग के साथ ही सीईओ की इतनी बढ़ी संपत्ति
ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के आईपीओ ने मार्केट में आते ही धमाल मचा दिया है. हालांकि कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग शुक्रवार सुबह डिस्काउंट पर हुई थी, जिससे निवेशकों के बीच निराशा थी. मगर, शाम होते-होते लिस्टिंग के दिन ही शेयरों ने अपर सर्किट लगा दिया. यह 20 फीसदी चढ़कर 91.20 रुपये तक पहुंच गए. Bloomberg Billionaires Index के मुताबिक, सुबह 10.30 बजे तक कंपनी के शेयरों में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, जिस कारण 38 वर्षीय भविष अग्रवाल की नेट वर्थ 1.40 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी. शुक्रवार शाम तक जब कंपनी के शेयरों पर 20 फीसदी का अपर सर्किट लगा, तब तक उनकी संपत्ति 2.6 बिलियन डॉलर के आसपास पहुंच गई थी|
शेयरों ने लिस्टिंग के दिन मचाया धमाल
बता दें कि ओला इलेक्ट्रिक के स्टॉक ने लिस्टिंग वाले दिन ही अपर सर्किट लगाकर निवेशकों को खुश कर दिया है. कंपनी ने आईपीओ के जरिए मार्केट से 6146 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश की थी. इसके लिए शेयरों का प्राइस बैंड 72 से 76 रुपये प्रति शेयर के बीच तय किया गया था. शेयरों की लिस्टिंग बीएसई पर 75.99 रुपये पर और एनएसई पर 76 रुपये पर हुई. लिस्टिंग के बाद निवेशकों में कंपनी के शेयरों को खरीदने को लेकर होड़ मच गई. इसका असर ओला के शेयरों पर दिखने लगा और शेयर अपर सर्किट को हिट कर गए|
कब हुई कंपनी की शुरुआत
ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना 2017 में बेंगलुरु में हुई थी. उस समय देश में कई इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियां भारत में कारोबार शुरू करने का प्रयास कर रही थीं. कंपनी की शुरुआत के बाद ही SoftBank और Tiger Global Management जैसी कंपनियों की फंडिंग के कारण ओला इलेक्ट्रिक केवल दो साल के भीतर एक यूनिकॉर्न बन गया. हालांकि, कंपनी के मार्च 2023 के डाटा के अनुसार, इसे वित्त वर्ष 2023 में 14.7 अरब रुपये का नुकसान हुआ था|