हिंदूपुरा खेड़ा में पसरा सन्नाटा, दीवारों पर बयां हुआ दर्द

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए विवाद के बाद रविवार को लगभग पांच घंटे तक चली हिंसा ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। जामा मस्जिद से नखासा और हिंदूपुरा खेड़ा तक पसरे सन्नाटे के बीच दीवारों पर गोलियों के निशान और राख से काली हुई सड़कें हिंसा की गवाही दे रही थीं। बवाल के बाद सैकड़ों लोग अपने घरों पर ताले लगाकर रिश्तेदारों के यहां चले गए।
जामा मस्जिद से आठ सौ मीटर दूर मोहल्ला कोट गर्वी तबेला में रहने वाले इरशाद की बेबसी इस घटना की गहराई को दिखाती है। उन्होंने निहाल की दुकान के शटर पर गोलियों के निशान और रिजवान के मकान की टूटी खिड़की दिखाते हुए दर्द भरी खामोशी में कहा कि बवाल ने उनके भांजे नईम की जान ले ली। मिठाई की दुकान पर सुबह मुस्कुराते हुए गए नईम का शव शाम को घर पहुंचा।
सरायतरीन के झालीजामन वाली गली में युवाओं के चेहरों पर गम और गुस्सा साफ झलक रहा था। मोहम्मद बिलाल की मौत ने वहां के लोगों को झकझोर दिया। बिलाल के भाई अलीम ने रोते हुए इंसाफ की गुहार लगाई।
मोहल्ला तुर्तीपुरा में घरों की खिड़कियों से झांकती महिलाओं और सन्नाटे के बीच खड़े कैफ के मामा ने उसकी दर्दनाक मौत की दास्तां सुनाई। जामा मस्जिद के पास कैफ की मौत की खबर पुलिस ने पोस्टमार्टम के समय दी, जिसने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।
हिंसा से प्रभावित इलाकों में चौक-चौराहों पर पुलिस की मौजूदगी दिखी, लेकिन लोग सवाल पूछने और बयान देने से बचते नजर आए। बवाल के निशान, राख से काली दीवारें, और गमगीन चेहरों ने संभल की सड़कों पर दहशत और बेबसी का माहौल बना दिया। यह हिंसा