काशी के मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग, सामाजिक संगठनों ने दी चेतावनी

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वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित आनंद पार्क में हिंदू और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंदिरों की गरिमा और उनकी धार्मिक पवित्रता बनाए रखने पर चर्चा हुई। बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में प्रचारित करने से उनकी गरिमा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही काशी के मंदिरों में गैर-हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करने और मंदिरों में बढ़ती अनुचित गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की गई।

बैठक में ब्राह्मण महासभा के सुधीर मिश्रा ने कहा कि हिंदू समाज को एकजुट होकर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करनी होगी। बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि यह अब एक पर्यटन स्थल में बदल गया है। इसके विरोध में जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

हिंदू युवा वाहिनी के अभिषेक सिंह गोलू ने सनातन धर्म के शाश्वत और स्थायी स्वरूप पर जोर देते हुए इसे वैदिक और हिंदू धर्म का प्रतीक बताया। उन्होंने हिंदू समाज को संगठित करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की।

विश्व वैदिक सनातन न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष ने कहा कि देशभर में लाखों हिंदू संगठन हैं, लेकिन उनकी आपसी एकजुटता की कमी के कारण ये प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पाते। अगर ये संगठन संगठित हो जाएं तो सरकार को ‘सनातन बोर्ड’ बनाने के लिए विवश किया जा सकता है।

वीडीए के मानद सदस्य अंबरीश सिंह भोला ने सुझाव दिया कि हर वार्ड और मंदिर में बैठक आयोजित की जाए, ताकि लोग मिलकर आवश्यक कदम उठाने पर सहमति बना सकें। इस बैठक में कई अन्य प्रतिनिधियों ने भी विचार साझा किए और हिंदू एकता पर बल दिया।

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