इजराइल जैसी सुरक्षा: इंदौर में उपराष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात

इंदौर पुलिस द्वारा अपनाई गई अत्याधुनिक “एंटी ड्रोन सिस्टम डिवाइस” न केवल वीवीआईपी सुरक्षा को सुदृढ़ करती है, बल्कि हवाई निगरानी में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस डिवाइस को तैयार करने का प्रमुख उद्देश्य आज के समय में ड्रोन के बढ़ते उपयोग से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना है। पुलिस विभाग के अनुसार, इस डिवाइस की तकनीकी क्षमताएं ऐसी हैं कि यह एक किलोमीटर के दायरे में उड़ान भरने वाले किसी भी अनधिकृत ड्रोन या संदिग्ध वस्तु की पहचान कर सकता है और अलार्म बजाकर पुलिस को तुरंत सतर्क करता है।
यह डिवाइस एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ काम करता है, जैसे कि हाईराइज बिल्डिंग पर तैनात दूरबीनधारी जवान एक व्यापक क्षेत्र में नजर रखते हैं। इसे खासकर बड़े आयोजनों और वीवीआईपी कार्यक्रमों में बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इंदौर पुलिस के लिए यह तकनीकी नवाचार अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि यह न केवल खतरे का पता लगाने में सक्षम है बल्कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया भी सुनिश्चित करता है।
इस डिवाइस का निर्माण और परीक्षण “पिसर्व टेक्नोलॉजी” की टीम द्वारा किया गया है, जिसमें कंपनी के सीईओ अभिषेक मिश्रा के साथ विशेषज्ञ दुर्गेश शुक्ला, रोशनी शुक्ला, और अक्षत सिंह चौहान शामिल हैं। इन सभी विशेषज्ञों ने मिलकर डेढ़ साल की मेहनत से इस डिवाइस को इंदौर पुलिस की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया है। इस तकनीक के सफल परीक्षण के बाद पुलिस विभाग ने इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि माना है और इसे विभिन्न सुरक्षा कार्यों में शामिल करने की योजना बनाई है।
एंटी ड्रोन सिस्टम डिवाइस को लेकर इंदौर पुलिस ने अगले कुछ महीनों में शहर के अन्य क्षेत्रों में भी इसे तैनात करने का लक्ष्य रखा है, जिससे पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सके। इसके अतिरिक्त, इस डिवाइस का उपयोग न केवल वीवीआईपी सुरक्षा में बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भी किया जाएगा, जहाँ बड़े पैमाने पर भीड़ इकट्ठी होती है और सुरक्षा का महत्व बढ़ जाता है।
इस तकनीक के माध्यम से इंदौर पुलिस ने न केवल अपने सुरक्षा तंत्र को आधुनिक बनाया है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। भविष्य में इस प्रकार की तकनीकों का प्रयोग अन्य प्रमुख शहरों और राज्यों में भी होने की संभावना है, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा को एक नया स्तर मिल सकेगा।