हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: ‘लास्ट कम, फर्स्ट आउट’ ट्रांसफर नीति को किया निरस्त

hgvg

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी बेसिक शिक्षा विभाग को बड़ा झटका देते हुए, 26 जून 2024 को जारी किए गए शासनादेश को खारिज कर दिया। यह आदेश बेसिक स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात बनाए रखने के लिए अपनाई गई “लास्ट कम, फर्स्ट आउट” ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर आया था। हाईकोर्ट ने विभाग के 28 जून 2024 के सर्कुलर को भी भेदभावपूर्ण बताते हुए रद्द कर दिया, जिसमें केवल जूनियर शिक्षकों को ही तबादला करने का प्रावधान रखा गया था।

जस्टिस मनीष माथुर की सिंगल बेंच ने सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस ट्रांसफर पॉलिसी में जूनियर शिक्षकों के प्रति भेदभाव का व्यवहार किया गया है। इस नीति के अनुसार, शिक्षक-छात्र अनुपात को बनाए रखने के लिए केवल जूनियर शिक्षकों का ही तबादला किया जा रहा था, जबकि वरिष्ठ शिक्षकों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया था। कोर्ट ने इस व्यवस्था को समानता के मौलिक अधिकार और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के विपरीत बताया।

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस ट्रांसफर पॉलिसी से जूनियर शिक्षकों का कार्यस्थल बार-बार बदलता रहेगा, जिससे उनके कार्य की स्थिरता और मानसिक शांति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन करते हुए यह पॉलिसी केवल जूनियर शिक्षकों को प्रभावित कर रही थी। हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह शिक्षकों के तबादले के लिए निष्पक्ष और समानता आधारित नीति तैयार करे, जिससे किसी भी शिक्षक को उनके अनुभव के आधार पर भेदभाव का सामना न करना पड़े।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *