जापान के PM फुमियो किशिदा क्यों दे रहे इस्तीफा, चुनाव में भी नहीं लेंगे भाग, बड़ी वजह आई सामने

फुमियो किशिदा का राजनीतिक सफर
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का जन्म हिरोशिमा में हुआ था. उनका जन्म परमाणु त्रासदी के 12 साल बाद हुआ था. इस त्रासदी में उन्होंने अपने परिवार के कई सदस्यों को खो दिया था. उनके पिता और दादा जापान की संसद के निचले सदन में प्रतिनिधि रहे हैं. किशिदा ने राजनीति में आने से पहले 5 साल तक जापान के लॉन्ग-टर्म क्रेडिट बैंक यानी शिंसेई बैंक में काम किया था. 1993 में वह निचले सदन के लिए चुने गए और 2012 में प्रधानमंत्री शिंजो आबे की कैबिनेट में विदेश मंत्री बने. इसके अलावा भी उन्होंने कई पदों पर काम किया. सितंबर 2021 में किशिदा एलडीपी के अध्यक्ष बने और इसके बाद वह प्रधानमंत्री बने. किशिदा एलडीपी के उदारवादी कोचिकाई गुट के प्रमुख हैं, जिसके वर्तमान में 47 सांसद हैं.
रेटिंग में आई गिरावट, इसने भी दिया झटका
प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा कि राजनीति जनता के विश्वास के बिना नहीं चल सकती. यह बात उन्होंने घोटाले सामने आने को लेकर कही थी, क्योंकि इससे सरकार की छवि धूमिल हो गई. वहीं, निक्केई पोल ने सरकार की रेटिंग को 20% रहने का अनुमान लगाया है, जो 2021 के अंत में 60% रेटिंग से काफी कम है. किशिदा ने कहा कि लोगों को नई बदली हुई एलडीपी दिखाना जरूरी है. यह दिखाने की दिशा में सबसे स्पष्ट पहला कदम कि पार्टी बदलेगी, मेरे लिए एक कदम पीछे हटना है.
घोटालों ने सरकार को किया परेशान
बता दें कि दिसंबर 2023 में एलडीपी के सेइवा सेसाकु केन्युकाई, शिसुइकाई और कोचिकाई गुटों के सांसदों पर आरोप लगे थे कि उन्होंने 600 मिलियन येन से अधिक कैश की जानकारी नहीं दी थी. वहीं, यूनिफिकेशन चर्च के साथ संबंधों के खुलासे से दिक्कतें और बढ़ गईं.
आर्थिक नीति के र्मोचे पर भी किशिदा की मुश्किलें कम नहीं हुईं. किशिदा ने धीमी विकास दर से निपटने के लिए नए पूंजीवाद की वकालत की थी. इसका नतीजा कुछ नहीं दिखा, जिस वजह से उन्हें नुकसान हुआ.