सोरेन सरकार पर दबाव, अनुसूचित जनजाति आयोग ने इरफान-सीता सोरेन मामले की रिपोर्ट मांगी

झारखंड विधानसभा में जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी और विधायक सीता सोरेन के बीच हालिया विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मामले में अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लेते हुए झारखंड की सोरेन सरकार से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रधान सचिव-गृह, जामताड़ा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
विवाद की शुरुआत इरफान अंसारी के द्वारा सीता सोरेन के खिलाफ किए गए अमर्यादित बयान से हुई है, जिसे अनुचित और अपमानजनक माना गया है। आयोग का मानना है कि ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है, ताकि विधायकों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाए रखे जा सकें।
इसके अलावा, झारखंड की राजनीति में चुनावी माहौल भी तेज़ी से गरमाया हुआ है। जामताड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी बन्ना गुप्ता के नामांकन के दिन का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उनके भाई गुड्डू गुप्ता पैसे बांटते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो की शिकायत निर्दलीय प्रत्याशी विकास सिंह ने चुनाव आयोग में दर्ज कराई है।
धनबाद जिले की बाघमारा विधानसभा सीट पर भी चुनावी जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस के जलेश्वर महतो और भाजपा के शत्रुघ्न महतो के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। जलेश्वर ने पूर्व सांसद ढुलू महतो पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है। वहीं, शत्रुघ्न महतो ने पलटवार करते हुए कहा कि जनता ने ढुलू महतो को तीन बार चुना है, जबकि जलेश्वर को लगातार नकारा गया है।
गढ़वा में भाजपा के जिला मंत्री चन्दन जायसवाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल होने की घोषणा की। मंत्री मिथलेश ठाकुर ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि जेएमएम अब एक नई ताकत के साथ आगे बढ़ेगी।
वहीं, गिरिडीह की विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने बेंगाबाद में जनसंपर्क अभियान चलाया। उन्होंने लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी और चुनाव में समर्थन मांगा। उनके अभियान में भारी भीड़ उमड़ी, जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।
इस चुनावी परिदृश्य में रामगढ़ से आजसू विधायक सुनीता चौधरी भी अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। वह तीसरी बार आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं और क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जता रही हैं।
इस तरह, झारखंड की राजनीतिक गतिविधियाँ काफी तेज हो गई हैं, जहाँ एक ओर विधायक इरफान अंसारी और सीता सोरेन के विवाद ने नया मोड़ लिया है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न सीटों पर चुनावी मुकाबले भी गर्म हैं। विभिन्न पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह खेल आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।