तेजस्वी यादव ने जदयू प्रवक्ता के बयान पर उठाया सवाल, भेजा मानहानि का नोटिस

बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार को 12 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है। यह नोटिस 21 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीरज कुमार द्वारा तेजस्वी पर लगाए गए वित्तीय कदाचार के आरोपों के संदर्भ में भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि नीरज कुमार ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव वेतन घोटाले में लिप्त हैं, जो कि पूरी तरह से निराधार है।
तेजस्वी के वकील ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि इस तरह के आरोप उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपों से तेजस्वी की मानसिक पीड़ा हुई है और उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को हानि पहुंची है। इसी कारण उन्होंने 12 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और 10 लाख रुपये कानूनी नोटिस की लागत के रूप में मांगी है। वकील ने कहा है कि यदि नीरज कुमार 10 दिनों के भीतर बिना शर्त माफी नहीं देते और निर्धारित राशि का भुगतान नहीं करते, तो तेजस्वी यादव कानूनी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।
इससे पहले, नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने इनकम घोटाला किया है। उन्होंने तेजस्वी के हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि वेतन की जानकारी में भ्रामकता है। उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी का वास्तविक वेतन 40,000 रुपये प्रति माह है, जबकि उनके हलफनामे में उनकी मासिक आमदनी केवल 11,812 रुपये बताई गई है। नीरज ने कहा कि यह सैलरी घोटाला है और ऐसे में तेजस्वी यादव ने जनता के धन का दुरुपयोग किया है।
नीरज कुमार ने 2015 के हलफनामे का भी जिक्र करते हुए कहा कि तेजस्वी की वार्षिक आमदनी 1,41,750 रुपये थी, जबकि उन्होंने 1 करोड़ 13 लाख रुपये का कर्ज बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सब दर्शाता है कि तेजस्वी यादव लोकधन का दुरुपयोग कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वे इस मामले को अदालत तक ले जाएंगे। यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में गर्मागर्मी का कारण बन गया है, और दोनों पक्षों के बीच कानूनी लड़ाई की संभावना बढ़ गई है।