BIHAR NEWS: बिहार सरकार की सौगात; अब छोटे व्यवसाई भी बेच सकेंगे बालू

बिहार सरकार ने छोटे व्यवसायियों को भी बालू भंडारण और बिक्री का अधिकार देने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने बिहार खनिज समानुदान 2024 में प्रविधान किए हैं।



छोटे व्यापारियों को बालू भंडार करने का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निर्धारित शुल्क चुकाना होगा। इस कदम से छोटे व्यापारियों को नई व्यवस्था मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकेंगे। बिहार में बालू के कारोबार में लघु व्यवसायियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने छोटे व्यवसायियों को भी बालू भंडार और बिक्री का अधिकार देने का निर्णय लिया है। यह कार्य नियमों के अनुसार हो इसके लिए सरकार ने बकायदा बिहार खनिज समानुदान, (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण नियमावली) 2024 में प्रविधान भी कर दिए हैं। छोटे व्यापारियों को बालू भंडार करने का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निर्धारित शुल्क चुकाना होगा।

नियमावली में किए गए प्रविधान के अनुसार, पट्टा क्षेत्र से बाहर खनिज विशेषकर बालू का व्यापार करने वालों के लिए खनिज भंडारण के जो नियम बनाए गए हैं उसके तहत जो व्यापारी 25 हजार घनफुट तक बालू का भंडार करने का लाइसेंस प्राप्त करना चाहेंगे उन्हें एक वर्ष के लिए पांच हजार रुपये का शुल्क देना होगा जिसके बाद उन्हें लाइसेंस प्राप्त हो जाएगा।

यदि व्यापारी पांच वर्ष के लिए 25 हजार घनफुट का लाइसेंस चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए एक मुश्त 20 हजार रुपये का शुल्क चुकाना होगा। सरकार ने माना है कि नई व्यवस्था के प्रभावी होने से छोटे और मध्यम दर्जे के व्यापारियों को नया व्यवस्था मिलेगा वहीं रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकेंगे। साथ ही सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

बाढ़ से खेतों में आ गई है बालू मिली मिट्टी तो खनन विभाग करेगा उठाव

प्रदेश के 38 में करीब दो दर्जन जिले प्रत्येक वर्ष बाढ़ से प्रभावित होते हैं। बाढ़ अपने साथ धूस और बालू मिश्रित मिट्टी भी लेकर आती है। यह धूस और बालू मिश्रित मिट्टी खेतों में फैल जाती है। बाढ़ तो अपने तय समय पर समाप्त हो जाती है, लेकिन खेतों में यह धूस और बालू मिली मिट्टी लंबे समय तक किसानों को परेशान करती है। जिससे कृषि योग्य भूमि की उर्वरता प्रभावित होती है।

करीब दो दर्जन जिलों में किसानों को खेतों में फैली बालू मिली मिट्टी और धूस से होने वाली समस्या को देखते हुए अब सरकार ने इसके समाधान के उपाय किए हैं। सरकार ने खनिज समानुदान (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण) नियमावली 2024 में इसके लिए प्रविधान किए हैं। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाढ़ की वजह से कृषि योग्य जमीन पर धूस या बालू मिश्रित मिट्टी जमा होने की स्थिति में किसानों को इस धूस मिट्टी के उठाव के लिए सौ से तीन सौ रुपये का मामूली शुल्क चुका कर परमिट प्राप्त करना होगा।

यह परमिट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से प्राप्त किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि एक बार परमिट जारी होने के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग खेत का सर्वेक्षण कराते हुए आवश्कता अनुसार श्रमिकों को प्रतिनियुक्त करेगा और अपने स्तर से धूस व बालू मिश्रित मिट्टी का उठाव करेगा। मिट्टी व धूस उठाव के बाद खेत वापस कृषि योग्य बनाए जा सकेंगे। इस व्यवस्था को अधिसूचना जारी होने की तिथि से प्रभावी कर दिया जाएगा।

 

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