UP NEWS: वर्ष 2015 से धड़ाधड़ कट रहे पेड़; सुप्रीम कोर्ट की अनुमति का हो रहा उलंघन, अब तक काटे गये इतने पेड़

सुप्रीम कोर्ट में सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी ने एक-एक पेड़ काटने की रिपोर्ट सौंपी है। वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति बिना पेड़ न काटने के आदेश दिए थे। टीटीजेड चेयरमैन को जिम्मेदार बनाया था। नौ वर्ष से धड़ाधड़ पेड़ काटे जा रहे हैं।



उत्तर प्रदेश के आगरा में सुप्रीम कोर्ट ने नौ साल पहले आदेश दिया कि 10,400 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले ताज ट्रेपेजियम जोन में कोई भी पेड़ सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं काटा जाए। वन विभाग के अफसरों की लापरवाही से टीटीजेड में 7020 पेड़ काट डाले गए। यह खुलासा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी की रिपोर्ट में किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा चार हजार पेड़ आगरा में काटे गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने रेल विकास निगम की पेड़ काटने की याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई में 5049 पेड़ काटने की अनुमति पर रोक लगा दी थी और चेतावनी दी थी कि पेड़ नहीं लगाए तो सभी निर्माण गिराने के आदेश देंगे। सुप्रीम कोर्ट पेड़ काटने को लेकर गंभीर है। वहीं टीटीजेड के अफसरों 7020 पेड़ बिना अनुमति काट डाले गए। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 1030 केस पेड़ काटने के मामलों में किए गए, जिनमें से 624 ही चल रहे हैं। 160 केस लोक अदालत में, 86 स्थानीय अदालत में, 160 पुलिस और वन विभाग ने ही निपटा दिए।

लंबित केस 323 6 60 235 0 0 624

पेड़ काटे, पर लगाए कितने, बताया नहीं

सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी की सदस्य सचिव भानुमति ने अपनी रिपोर्ट में एक-एक पेड़ काटने का ब्योरा दिया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस और वन विभाग ने ज्यादातर मामलों में कार्रवाई ही नहीं की। कमेटी ने टीटीजेड में किसानों की एग्रो फॉरेस्ट्री वाले पेड़ काटने के लिए अनुमति लेने की समस्या को भी सामने रखा है। सीईसी ने 16 मामलों को भी सामने रखा है, जिनमें पेड़ काटने की अनुमति के बाद पौधरोपण की रिपोर्ट नहीं दी गई।

12 साल से धड़ाधड़ काटे जा रहे पेड़

वर्ष 2011 में ताज एक्सप्रेस-वे, 2015 में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे, सीओडी आगरा, भरतपुर-धौलपुर रोड के लिए, 2018 में पलवल रेलवे लाइन, 2019 में धांधुपुरा में एसटीपी निर्माण, 2021 में मथुरा-झांसी के बीच रेल लाइन, गोवर्धन डीग रोड चौड़ीकरण, मथुरा-वृंदावन रोड चौड़ीकरण, गोवर्धन परिक्रमा मार्ग चौड़ीकरण, सौंख रोड चौड़ीकरण, मथुरा-भूतेश्वर रेलवे ट्रैक, आगरा-अलीगढ़ रोड, आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट, मथुरा हाथरस रोड के लिए पेड़ काटे गए, लेकिन कितने पेड़ लगाए, इसका ब्योरा नहीं दिया।

माथुर फार्म हाउस में पेड़ काटने पर कार्रवाई की मांग

सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी में पर्यावरण मामलों के याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने ताज ट्रेपेजियम जोन अथॉरिटी की चेयरमैन और मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने दयालबाग के माथुर फार्म हाउस में काटे गए पेड़ों के मामले में कार्रवाई की मांग की है।

उन्होंने बताया कि यमुना के डूब क्षेत्र में रियल एस्टेट परियोजना के लिए पेड़ काटे गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के 8.05.2015 के आदेश के तहत टीटीजेड में पेड़ों को काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति आवश्यक है। उन्होंने मथुरा में डालमिया फार्म में 452 पेड़ काटने का मामला भी उठाया, जिसमें टीटीजेड अथॉरिटी ने कार्रवाई नहीं की।

 

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