दिवाली से पहले क्या कम होगी महंगाई? जानिए RBI गवर्नर का बयान !

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Business News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आज अपनी मौद्रिक नीति की बैठक में इस वित्तीय वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 4.5% पर स्थिर रखा है और साथ मौद्रिक रेट को अपरिवर्तित रखा है.यह फैसला खाद्य कीमतों और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय तनावों के बीच आया है जो ऊर्जा की आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं और कच्चे तेल की कीमतें बढ़ा सकते हैं. सोमवार को कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर के पार पहुंच गईं जो अगस्त के बाद पहली बार हुआ है और यह मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनावों के कारण हुआ है.

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार दसवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का फैसला किया है. समिति ने यह भी तय किया  कि उनकी नीति “न्यूट्रल” है जिसका मतलब है कि वे किसी एक दिशा में नहीं चलेंगे. RBI ने कहा कि उनका लक्ष्य महंगाई को स्थायी रूप से 4 % से कम स्तर पर लाना है इसके साथ साथ विकास का भी समर्थन करना है. आपको बता दें एक लिमिट से कम महंगाई विकास दर को बाधित करती है. इस बैठक में नए सदस्य शामिल हुए है जिनमें राम सिंह, नागेश कुमार और सॉगता भट्टाचार्य हैं. पूर्व सदस्य अशिमा गोयल और जयन्त वर्मा ने दरें न बढ़ाने के खिलाफ मत दिया था. विशेषज्ञ मानते हैं कि नए सदस्यों की उपस्थिति दरों में कटौती की मांग पर असर डाल सकती है.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि हाल की अच्छी बारिश ने कृषि क्षेत्र को सहारा दिया है, जिससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिल सकती है. हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि खाद्य और धातु कीमतों में हालिया वृद्धि से महंगाई पर दबाव बन सकता है.

आरबीआई का महंगाई का लक्ष्य 4% है जिसमें 2% की लचीली सीमा है. अगस्त में भारत की खुदरा महंगाई दर 3.65% रही जो पिछले महीने के 3.54% से बढ़ गई. खाद्य महंगाई जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का लगभग आधा हिस्सा है, अगस्त में 5.66% तक बढ़ गई. सब्जियों की कीमतों में भी 10.71% की वृद्धि हुई है.

राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अच्छी बारिश ने महंगाई पर प्रभाव डाला है. एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में वेज थाली की लागत में 11% की वृद्धि हुई है.

RBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव एक चिंता का विषय है लेकिन हाल में खुदरा कीमतों में कमी से उपभोग में बढ़ोतरी हो सकती है.

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