“उत्तराखंड डाटा सेंटर पर साइबर हमले के बाद फिरौती की मांग, ऑनलाइन सेवाओं को फिर से शुरू करने की योजना”
उत्तराखंड के स्टेट डाटा सेंटर पर बीते दो अक्तूबर को साइबर हमला हुआ। मामले में पुलिस मुख्यालय की सीसीटीएनएस प्रभारी निरीक्षक रचना सागर श्रीवास्तव की तरफ से बीते चार अक्तूबर को साइबर थाने में केस दर्ज कराया गया है।
उत्तराखंड डाटा सेंटर पर हुए साइबर हमले के मामले में पुलिस अफसरों का दावा है कि साइबर अपराधियों से समझौता नहीं किया गया है। साइबर हमले में प्रभावित डाटा को पहले से रखे गए बैकअप डाटा से रिकवर कर लिया गया है।
आईजी अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे और डीआईजी एसटीएफ सेंथिल अवुदेई कृष्ण राज एस ने पटेल भवन में प्रेसवार्ता में दावा किया साइबर हमले से प्रभावित सभी पोर्टल और कामकाज सुचारू हो गया है।
उत्तराखंड के स्टेट डाटा सेंटर पर बीते दो अक्तूबर को साइबर हमला हुआ। मामले में पुलिस मुख्यालय की सीसीटीएनएस प्रभारी निरीक्षक रचना सागर श्रीवास्तव की तरफ से बीते चार अक्तूबर को साइबर थाने में केस दर्ज कराया गया है।
जिसमें कहा कि हैकरों ने दो ईमेल आईडी देते हुए उनके जरिए फिरौती की रकम के लिए समझौता करने की बात कही। आईजी निलेश आनंद भरणे ने बताया कि मामले की जांच के लिए डीएसपी साइबर क्राइम थाना अंकुश मिश्रा की अगुआई में एसआईटी का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह साइबर हमला है या खुद से कोई वायरस आया इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि साइबर हमले में कोई डाटा नुकसान नहीं हुआ है। दावा किया कि सारा डेटा सुरक्षित है। सभी एप्लीकेशन चल रही हैं।
जांच को केंद्रीय एजेंसियों की मदद
साइबर हमले की जांच के लिए राज्य सरकार केंद्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों की मदद ले रही है। जिन एजेंसियों की मदद ली जा रही है उनमें एनआईए, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र आदि से समन्वय कर मदद ली जा रही है।
हमलावरों की ईमेल कहां चल रही, नहीं लगा पता
साइबर हमलावरों की तरफ से दी गई दो ईमेल आईडी किस देश में संचालित हो रही है, अब तक उत्तराखंड पुलिस और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इसका पता नहीं लगा पाया है। प्रेस वार्ता में पुलिस ने अफसरों ने कहा कि इस पर काम किया जा रहा है।
फिरौती मांगने वालों के आगे झुका नहीं सिस्टम
डीआईजी सेंथिल अवुदेई ने बताया कि आईटीडीए में 1400 के करीब वर्चुअल प्रोजेक्ट चल रहे हैं। साइबर अटैक की जद में सात वर्चुअल प्रोजेक्ट आए थे। हमले का पता लगने पर सभी वर्चुअल प्रोजेक्ट सुरक्षा को देखते हुए बंद कर दिए गए थे। स्थिति काबू में आने पर सभी को नॉर्मल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि फिरौती मांगने वालों के सामने सिस्टम झुका नहीं है।
पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट सकीं ऑनलाइन सेवाएं
उत्तराखंड में आईटीडीए का डाटा सर्वर हैक होने के छह दिन बाद भी ऑनलाइन सेवाएं पटरी पर नहीं लौट पाई हैं। तमाम विभागीय साइटें तो खुल रही हैं, लेकिन स्पीड नहीं मिल पाने के कारण अटैचमेंट में दिक्कत आ रही है।
वहीं, भिन्न-भिन्न जिलों में अलग-अलग तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। कहीं ट्रेजरी से जुड़े चालान जमा नहीं हो पा रहे हैं तो कहीं थानों में ऑनलाइन मुकदमे दर्ज नहीं हो पा रहे हैं। सरकार के सूत्रों की मानें तो व्यवस्था को पटरी पर लौटने में अभी कुछ और दिन लग सकते हैं।
हरिद्वार ऑनलाइन मुकदमे दर्ज नहीं: हो रहेहरिद्वार जिले में ट्रेजरी से पहले ही वेतन जारी हो चुका है। मंगलवार को ट्रेजरी नहीं चल रही है। सीएससी सेंटर से आय, जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्रों के शुल्क जमा हो रहे हैं, लेकिन ट्रेजरी से जुड़े हुए चालान जमा नहीं जमा हो पा रहे हैं। जबकि थानों में अभी भी ऑनलाइन मुकदमे दर्ज नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा सत्यापन करने में भी दिक्कत आ रही हैं। हरिद्वार, रुड़की विकास प्राधिकरण में मानचित्रो के शुल्क जमा नहीं हो पा रहे है।
उत्तरकाशी में नहीं चल रही निर्वाचन विभाग की साइट उत्तरकाशी में ट्रेजरी में वेतन, पेंशन इत्यादि भुगतान की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो गई है। सीएससी सेंटर में विभिन्न प्रमाण पत्रों का शुल्क जमा हो रहा है। जबकि रजिस्ट्रार कार्यालय में भी फीस जमा हो रही है।
थानों में ऑनलाइन मुकदमे दर्ज हो रहे हैं और प्राधिकरणों में मानचित्रों का शुल्क भी जमा होना शुरू हो गया है। केवल निर्वाचन विभाग की साइट बंद चल रही है, जिससे डेटा एंट्री का काम पूरी तरह बंद है।
पेंशन और वेतन का भुगतान किया गया
टिहरी में वायरस अटैक के बाद मंगलवार को टिहरी गढ़वाल में धीमी गति से सेवाएं बहाल होती नजर आई। मंगलवार को सीएससी सेंटरों में जहां काम शुरू हो गया है। वहीं ट्रेजरी में पेंशन व वेतनों का निस्तारण हो चुका है। लेकिन बिलों की पेंडेंसी बनी हुई है।
साइटों में स्पीड को लेकर आ रही दिक्कत
पौड़ी में सर्वर के ठीक हो जाने के बाद कोषागार में दो अक्तूबर से लटके 385 विभिन्न बिलों की करीब 50 करोड़ की धनराशि का ट्रांजक्शन हो पाया। इसके साथ ही ई -डिस्ट्रिक की सेवाओं में कुछ सुधार हुआ, लेकिन सीएससी सेंटरों में सर्वर को लेकर दिक्कत दूर नहीं हो पाई। थानों में सर्वर तो ठीक हो गए, लेकिन स्पीड को लेकर दिक्कत है। पौड़ी जिला विकास प्राधिकरणों में मानचित्रों का शुल्क तो जमा हो रहा है, लेकिन अभी उनकी साइड ठीक से नहीं चल रही है। यहां फाइलों के अटैंचमेंट मंगलवार को भी नहीं खुल पाए।