हरियाणा में हारी हुई बाजी पलटकर बीजेपी कैसे बनी बाजीगर, कांग्रेस हवा होने के दावे के बावजूद कहां हुई फेल? जानें

हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों का आज ऐलान हो रहा है। चुनाव में बीते दस साल से हरियाणा की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ है। 90 सदस्यीय विधानसभा की ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट आमने-सामने रहे हैं। एग्जिट पोल और चुनावी पंडितों की भविष्यणावियों को झुठलाते हुए बीजेपी राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल करने की ओर बढ़ रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बीजेपी ने बाजी को अपने पक्ष में कैसे किया।
हरियाणा के चुनाव में छत्तीस जातियों की बात हमेशा होती है, छत्तीस जातियां मिलकर ही हरियाणा की सामाजिक संरचना बनाती हैं। चुनाव में भी सभी पार्टियां जातिगत समीकरणों पर भरोसा करती रही हैं। इस चुनाव की बात करें तो कांग्रेस मुख्य रूप से जाटों पर निर्भर दिखी, जो आबादी का करीब 22 फीसदी हिस्सा है। इसकी वजह किसान आंदोलन के बाद जाटों की भाजपा से नाराजगी भी रही। वहीं करीब 21 फीसदी दलित और अल्पसंख्यक वोटों (मुस्लिम और सिख) पर कांग्रेस की निगाह रही।