भाजपा की नजर बागियों, निर्दलीयों और छोटी पार्टियों पर है। अगर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है तो वह सरकार बनाने की कोशिश करेगी।

जम्मू-कश्मीर को लेकर भाजपा को उम्मीद है कि उसे जम्मू संभाग में 30 के आसपास सीटें मिलेंगी। वहीं, कश्मीर संभाग की बात करें तो एग्जिट पोल में पीडीपी के बहुत पीछे होने का अनुमान लगाया गया है और भाजपा इसमें अपने लिए संभावनाएं देख रही है।

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनावों के नतीजे मंगलवार को घोषित होंगे, लेकिन एग्जिट पोल अनुमान सामने आने के बाद से ही भाजपा की सक्रियता बढ़ गई है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा की उम्मीद दूसरे दलों, निर्दलीयों और बागी उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर टिकी है। हालांकि, उन्हें साधने की कवायद तभी शुरू होगी जब पार्टी सूबे में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरेगी। इसी तरह, हरियाणा में भी पार्टी की उम्मीदें त्रिशंकु जनादेश पर टिकी हैं।

जम्मू-कश्मीर को लेकर भाजपा को उम्मीद है कि उसे जम्मू संभाग में 30 के आसपास सीटें मिलेंगी। वहीं, कश्मीर संभाग की बात करें तो एग्जिट पोल में पीडीपी के बहुत पीछे होने का अनुमान लगाया गया है और भाजपा इसमें अपने लिए संभावनाएं देख रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अगर इस संभाग में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की उपस्थिति के बीच छोटे दलों, बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने बेहतर प्रदर्शन किया तो तस्वीर पलट सकती है। पार्टी ने अगर जम्मू संभाग में पिछले चुनाव में 25 सीट के मुकाबले इस बार अपने प्रदर्शन में सुधार किया और कश्मीर संभाग में पीडीपी के साथ एनसी-कांग्रेस गठबंधन कमजोर पड़ी तो भाजपा के लिए संभावनाओं का द्वार खुलेगा।

जमात-एआईपी पर बदलेगा स्टैंड

पार्टी के एक वरिष्ठ रणनीतिकार ने जमात और रशीद इंजीनियर की पार्टी अवामी इत्तिहाद पार्टी (एआईपी) मामले में रुख बदलने का संकेत दिया। उक्त रणनीतिकार ने कहा कि अनुच्छेद-370 के खात्मे के बाद सभी दल भारतीय संविधान को सर्वोपरि मानते हुए चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में नतीजे आने के बाद भाजपा ऐसे दलों का रुख जानेगी, इसके बाद जरूरी हुआ तो साथ आने की राह में आगे बढ़ेगी।

हरियाणा में कर रही चमत्कार की उम्मीद

हरियाणा में 10 साल तक सत्ता की कमान संभाले रही भाजपा को इस बार चमत्कार से ही उम्मीद है। पार्टी की सारी रणनीति इस पर टिकी है कि किसी दल का बहुमत नहीं हो और वह खुद 30 के आसपास सीटें जीते। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि कांग्रेस अगर बहुमत से चूकी तो सीएम पद के सवाल पर विवाद होगा। हालांकि, इस बार पहले से ही नाउम्मीद भाजपा ने चुनाव में अपने कोर वोटर्स को साधने पर ज्यादा जोर दिया है। बीते दो चुनाव की तरह मतदान से पहले पीएम रोड शो से न सिर्फ दूर रहे बल्कि महज चार रैलियों को ही संबोधित किया।

पीडीपी ने कांग्रेस-नेकां गठबंधन के साथ आने के दिए संकेत, फारूक बोले-खुशी की बात 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने विश्वास जताया है कि कांग्रेस-नेकां गठबंधन जम्मू-कश्मीर में बहुमत के साथ सत्ता में आएगा। यह बड़ी बात है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) उनके साथ शामिल होने के लिए तैयार है। फारूक अब्दुल्ला ने पीडीपी नेता के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कहा गया कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस-एनसी गठबंधन में शामिल होने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, यह एक बड़ी बात है। हम सभी एक ही रास्ते पर हैं, नफरत को हमें खत्म करना है और जम्मू-कश्मीर को एकजुट रखना है।

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